परमाणु ऊर्जा केन्द्रीय विद्यालय, काकरापार एक छात्र-हितैषी माहौल बनाने का प्रयास करता है, ताकि छात्र अपनी मूल प्रतिभा और जन्मजात क्षमता के साथ पूरा न्याय कर सके। शिक्षा के क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा केन्द्रीय विद्यालय, काकरापार द्वारा पहला कदम भोर की पहली किरण के सामान है l

न्यूक्लियर पॉवर कोरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड काकरापार के निर्माण और स्थापना के दौरान न्यूक्लियर पॉवर कोरपोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड, काकरापार के कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक विद्यालय का निर्माण करना अनिवार्य महसूस किया गया।

इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए शैक्षणिक सत्र : 1983-84 में परमाणु ऊर्जा केन्द्रीय विद्यालय, काकरापार की स्थापना की गई थी । चूंकि टाउनशिप में विद्यालय की इमारत निर्माणाधीन थी इसलिए विद्यालय ने व्यारा में झंडा चौक बिल्डिंग से काम करना शुरू कर दिया, जो टाउनशिप से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। ये परमाणु ऊर्जा केन्द्रीय विद्यालय, काकरापार के पहले नवीन कदम थे। श्री आई. के. बजाज उस समय प्रथम प्रभारी प्राचार्य थे और श्री सी. आर. नागराज स्थानीय प्रबंधन समिति के पहले अध्यक्ष थे।

बाद में इस विद्यालय ने व्यारा के सौराष्ट्र ब्राह्मण वाड़ी से कामकाज करना शुरू किया। विद्यालय एक इमारत की पहली मंजिल पर, एक हॉल में कार्य करता था l जिसे छ: कक्षा कक्षों में विभाजित किया गया। शिक्षकों की कमी के कारण कक्षाएँ शुरू में कुछ घंटों के लिए ही चलती थीं। हर गुजरते साल के साथ विद्यालय की ताकत और ऊर्जा उत्तरोत्तर बढ़ती गई। व्यारा में राम कबीर गेस्ट हाउस शिक्षकों को समायोजित करने के लिए किराए पर लिया गया। विद्यालय ने शुरुआती परेशानियों का बड़ी ही सरलता से सामना किया और जून, 1984 में विद्यालय को काकरापार एटॉमिक पॉवर स्टेशन, काकरापार की टाउनशिप अनुमाला में स्थानांतरित कर दिया गया और बी टाइप क्वार्टर में कक्षाएँ संचालित की गईं l प्रत्येक कक्षा में लगभग 25-25 विद्यार्थी थे। छोटे भोजन अंतराल के साथ विद्यालय सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक चलता था। 1985-86 में टाउनशिप के अभिभावक और बच्चों की आकांक्षा तब पूरी हुई जब कक्षा-कक्ष और विज्ञान प्रयोगशाला के साथ शानदार विद्यालय भवन का उद्घाटन किया गया और कक्षा 1 से 10 तक की कक्षाएँ आयोजित की जाने लगी l इसके अलावा, WET कक्षाओं, पुस्तकालय और खेल कालांश को भी विद्यालय समय-सारणी में रखा गया। सन् 1986 में विद्यार्थियों का पहला बैच दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए उपस्थित हुआ। इसके पश्चात् 1987 में विज्ञान और वाणिज्य संकाओं के साथ कक्षा 11 और 12 (केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की संबद्धता के साथ) शुरू किए गए। श्री वी. वाइ. भदकामकर 01.06.1986 से 25.06.1990 तक प्राचार्य के रूप में कार्यरत थे

प्राचार्य
परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय काकरापार